Kabir Dohe #1: Maya mari na mann mara, mar mar gaye sharir
Kabir Dohe #1
माया मरी न मन मरा, मर मर गये शरीर।
आषा तृष्णा ना मरी, कह गये दास कबीर।।
Translation in Hindi
कबीर दास जी कहते हैं कि न माया मरती है और न ही मन मरता है । आशा और तृष्णा भी कभी नहीं मरते हैं। सिर्फ यह शरीर ही है जो बार बार मरता...